अमेरिका बनाम ऑस्ट्रेलिया: बड़ी रणनीतिक चाल पर अमेरिका का ऑस्ट्रेलिया पर हमला, एलए में तनावपूर्ण हालात

अमेरिका बनाम ऑस्ट्रेलिया: बड़ी रणनीतिक चाल पर अमेरिका का ऑस्ट्रेलिया पर हमला, एलए में तनावपूर्ण हालात

अमेरिका के विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया पर उस समय तीखा हमला बोला जब उसने अपने प्रमुख सहयोगियों के साथ मिलकर एक अहम रणनीतिक कदम उठाया। इस कूटनीतिक फैसले के बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में तनाव की स्थिति बन गई है।

इस बीच अमेरिका के लॉस एंजेलिस शहर में विरोध-प्रदर्शनों का पांचवां दिन चल रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शहर में और 2000 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है, जिससे अब कुल सैनिकों की संख्या 4000 हो चुकी है। ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि यदि समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया गया होता तो लॉस एंजेलिस "जमीन पर जलकर खाक हो गया होता।"

हालांकि, इन सैनिकों की तैनाती फिलहाल केवल संघीय भवनों तक ही सीमित है, जबकि स्थानीय पुलिस प्रदर्शनकारियों से निपटने का प्रयास कर रही है। शहर में छिटपुट लूटपाट की खबरें सामने आई हैं, लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में स्थिति शांत बताई जा रही है।

कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूज़ोम ने राष्ट्रपति ट्रंप पर आरोप लगाया है कि उनके कठोर कदमों के कारण प्रदर्शन और अधिक भड़क रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस का यह निर्णय तानाशाही प्रवृत्ति को दर्शाता है। न्यूज़ोम ने केंद्र सरकार के खिलाफ मामला दर्ज कर कहा है कि राज्य की सहमति के बिना सैनिकों की तैनाती संघीय अतिक्रमण है।

इस बीच, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को लेकर भी विवाद छिड़ा हुआ है जिसमें नेशनल गार्ड के जवानों को गश्त करते हुए देखा गया है। ट्रंप प्रशासन के इस कदम की आलोचना अमेरिका के अंदर और बाहर दोनों जगह हो रही है।

ऑस्ट्रेलिया द्वारा लिए गए रणनीतिक फैसले ने अमेरिका को नाराज कर दिया है, और विदेश मंत्री के बयान से यह स्पष्ट है कि वाशिंगटन इस साझेदारी को लेकर चिंतित है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया ने कौन-सा कदम उठाया है जिससे यह विवाद उत्पन्न हुआ।

निष्कर्षतः, अमेरिका के आंतरिक हालात और विदेश नीति दोनों ही अस्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं, और इसके प्रभाव विश्व राजनीति पर भी दिखाई दे सकते हैं। लॉस एंजेलिस में शांति की वापसी और अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का भविष्य अब कूटनीतिक संतुलन पर निर्भर है।