तेहरान/वॉशिंगटन/जेरूसलम — इज़राइल और ईरान के बीच जारी भीषण युद्ध ने अब वैश्विक राजनीति को भी सीधे तौर पर अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संभावित हस्तक्षेप को लेकर ईरान ने कड़ी चेतावनी दी है। ईरानी सैन्य सूत्रों का कहना है कि यदि अमेरिका खुलकर युद्ध में शामिल होता है, तो मध्य पूर्व में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों को ईरान का सीधा निशाना बनाया जाएगा।
ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के प्रवक्ता ने कहा, “यदि ट्रंप या कोई अन्य अमेरिकी नेतृत्व इस संघर्ष में कूदता है, तो अमेरिका को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। हमारे ड्रोन और मिसाइल अमेरिका के हर मिडिल ईस्ट बेस तक पहुंचने में सक्षम हैं।”
इस चेतावनी के कुछ ही घंटों बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस से बात करते हुए दावा किया कि “हमें अयातुल्ला अली खमेनेई की लोकेशन का सटीक पता है। जरूरत पड़ने पर हम ईरानी नेतृत्व के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।”
ट्रंप के इस बयान को अमेरिका की ओर से एक रणनीतिक जवाबी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिकी सेना ने पहले ही अपने नौसेना बेड़े और वायुसेना को अलर्ट मोड पर डाल दिया है।
इस बीच, इज़राइल और ईरान के बीच युद्ध अपने चरम पर है। अब तक दोनों ओर से सैकड़ों मिसाइलें दागी जा चुकी हैं। तेहरान, हामदान, और शिराज में कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं, वहीं इज़राइली शहर हाइफा और अश्कलोन पर भी बड़े हमले हुए हैं।
ईरानी मीडिया के मुताबिक, अब तक 220 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इज़राइल ने भी 25 से ज्यादा नागरिकों की मौत की पुष्टि की है।
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने दोनों देशों से युद्धविराम की अपील की है, जबकि भारत, चीन और रूस स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि अमेरिका अगला कदम क्या उठाता है और क्या यह क्षेत्रीय युद्ध वैश्विक संघर्ष में तब्दील हो सकता है।